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Friday 9 January 2015

दन्त मंजन

आज हम आप सबको ऐसा दन्त मंजन बनाने की विधि दे रहे है दन्त में किसी भी पर्कार की शिकायत सहज ही आप स्वयं ठीक कर सकते है और आप अपने दाँतो को सुरक्षित रख सकते है ! यह एक ऐसा दन्त मंजन है जिसको बच्चे से लेकर बूढ़े तक हर आयु का मनुष्य इस्तेमाल कर सकते है इसके गुणों का आप स्वयं एक दूसरे से बखान करोगे ये परीक्षित है मेरा भी खुद कई लोगों पर आजमाया हुआ नुस्खा है बहुत से लोगों ने स्याम इस दन्त मंजन की मुझसे तारीफ की है ठंडा या गर्म लगने पर ये दन्त मंजन काम करता है ,किसी भी पर्कार का गन्दा पानी मशुद्धों से बहार निकलने में ये दन्त मंजन चमतकार करता है .पायरिया को ये दन्त मंजन जड़ से समाप्त कर देता है ,अगर मशुढ़े कमजोर हो गए हो तो इस दन्त मंजन को  आजमाएं.

--१० ग्राम --बड़ी इलायची के बीज 
१० ग्राम -लवंग -----
१० ग्राम ---दाल चीनी 
१० ग्राम ---काली मिर्च --
 १० ग्राम नौशदर 
१० ग्राम भुनी हुयी फिटकरी --
३० ग्राम कला नमक न होने पर इसके जगह पर सफ़ेद या शिंदे नमक भी ले सकते हो 

इन सबको कूट पीस करले इसको और अच्छा करने के लिए माजूफल भी मिला सकते हो इससे इसकी क्वालिटी बढ़ जाएगी और अंत में कपूर की टिक्की पेश कर इसमें मिक्स करके छान कर एक सीसी जिसमे हवा प्रवेश न कर सके रख ले अगर किसी को दांत में ठंडा या गर्म लग रहा हो या फिर दांत में दर्द हो तो ३ बार से ६ बार दन्त मंजन करने से ठीक हो जायेगा.

शराब पीने की आदत ( Habit of Drinking )

शराब पीने की आदत अगर किसी व्यक्ति को पड़ जाये तो वह न केवल उसका, बल्कि उसके परिवार का जीवन बरबाद कर देती है। यह एक बहुत बड़ी बुराई है जो शराबी मनुष्य के साथ-साथ परिवार समाज देश को भी खोखला कर रही है। इस बुराई से छुटकारा पाने के लिये होमियोपैथिक मे इसका उपचार इस प्रकार है।

1. एवेना सैटाइवा Q - यह दवा दस-दस बूँद की मात्रा में आधे कप पानी में मिलाकर प्रतिदिन चार बार लेनी चाहिये। इस दवा को तीन चार महिने लगातार दें।

2. सिलेनियम 30 - इसकी 3-3 बूँद दवा चौथाई कप पानी में मिलाकर दिन मे तीन बार ले या इसकी मीठी गोलियाँ बनवाकर 5-6 गोली दिन में तीन बार चूसे। इस दवा को तीन सप्ताह देकर बन्द कर दें।
दवा नंबर 1 व दवा नंबर 2 दोनो बारी बारी से लें ( अर्थात् पहले नंबर 1 दो घण्टे बाद नंबर 2)

3. सल्फर 200 - इस दवा की एक मात्रा यानि तीन बूँद दवा चौथाई कप पानी मे मिलाकर या होमियोपैथिक विक्रेता से गोलियाँ बनवाकर 5-6 गोली सुबह खाली पेट चूसें। इसे सप्ताह मे सिर्फ एक बार लें और 5-6 सप्ताह लें ।

शरीरक ताकत के लिए

आजकल, आपने देखा होगा, नौ-जवान भी मुरझाये मुरझाये रहते हैं, थकावट, उच्च-रक्तचाप,
मानसिक चिंताएं, कमज़ोरी, अलसायापन, आलस, कांतिहीन चेहरा, फूला हुआ शरीर परन्तु जान नहीं, पैदल चल नहीं सकते, और जो मित्र विवाहित हैं, वो शारीरिक कमज़ोरी महसूस करते हैं, दाम्पत्य-जीवन का आनंद पूर्ण रूप से नहीं ले पाते, बस यूँ मानिये कि किसी तरह से समझौता किये जा रहे हैं, ये प्रयोग उनके लिए राम-बाण है! 
आप एक बार प्रयोग किये!
फिर बताइये!
किसी भी औषधि विक्रेता से आप सौ ग्राम गोखरू ले लीजिये, दस से बीस रपये के बीच मिल जायेंगे, यदि न मिलें तो ये गाँव इत्यादि में भरपूर रूप से मिलते हैं, बस वो सुखाने पड़ेंगे, वैसे औषधि विक्रेता से मिल जायेंगे अवश्य ही! 
अब आप इन सौ ग्राम गोखरू को साफ़ कर लें, झाड़ लें कपडे से, ताकि मिट्टी न बचे, आप धो भी सकते हैं, अब इनको पीस लीजिये, चाहे तो मिक्सर में ही पीस लीजिये, जब बारीक चूर्ण की तरह से हो जाएँ, तो एक तवे पर चार चम्मच देसी घी खौला लीजिये, और इन पिसे हुए गोखरू में डाल लीजिये, जब घी ठंडा हो जाए तो अब इस घी को मिला लीजिये इस चूर्ण में, और किसी डिब्बे में रख लीजिये, अब रोज रात को आधा चम्मच ये लीजिये, और आधा कप गुनगुने दूध के साथ इसका सेवन करें, सोने से पहले, एक हफ्ते में अपनी रंगत और ताक़त देखिये! दाम्पत्य जीवन में जो लम्हों का होता था, अब दस गुना बढ़ जाएगा! शरीर में ताक़त, चेहरे में कांति, अलसायापन ख़तम, स्फूर्ति, चुस्ती और चहकने लगोगे! उम्र भले ही कोई हो! करके देखिये! ये वाजीकारक का एक अहम् नुस्खा है! लाभ मिले तो धन्यवाद कहिये!! बिना नागा, अर्थात कोई 
भी दिन खाली न जाए! अब चाहे व्रत हो अथवा स्वास्थय ही खराब हो!

बौनापन दूर करने के कुछ उपाए /लम्बाई बढ़ाने के लिए


उम्र के अनुसार अगर शरीर की लम्बाई न बढ़े तो हम उसे कद का छोटा होना या बौनापन कहते हैं। यह एक ऐसा रोग है जिसमें मनुष्य की मानसिक क्रिया उम्र के अनुसार ही ठीक रहती है लेकिन उसके शरीर का विकास ठीक से नहीं हो पाता जिसके कारण उसका शरीर छोटा रह जाता है।
कारण : बौनापन अक्सर वंशानुगत होता है।यदि किसी के माता-पिता में यह रोग हो तो उसके बच्चों में यह रोग होने की पूरी संभावना होती है।
चनसुर (चन्द्रशेखर, चिन्द्रका): शरीर की ऊंचाई (लम्बाई) बढ़ाने के लिये चनसुर 2.5 से 10 ग्राम प्रतिदिन सेवन करने से लम्बाई बढ़ती है। 
चनसूर के बीजों का चूर्ण बनाकर दूध के साथ मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करने से शरीर की लम्बाई में वृद्धि होती है। 
 अमर बेल (पीले धागे) : किसी पेड़ से अमर बेल उतारकर, छाया में सुखाकर एवं चूर्ण बनाकर रखें। इसे 1 से 3 ग्राम चूर्ण शहद के साथ मिलाकर प्रतिदिन लेने से कद बढ़ता है।

Tuesday 6 January 2015

ब्लड प्रेशर (Blood Pressure)

परिचय
आजकल की रोजाना की दिनचर्या में ब्लडप्रेशर (रक्तचाप) की बात होना एक आम बात हो गई है। ब्लडप्रेशर के कारण संभोग शक्ति में भी काफी कमजोरी आ जाती है। ह्रदय से धमनियों के द्वारा हर समय रक्त संचार होता रहता है। एक सही व स्वस्थ व्यक्ति का उच्च रक्तचाप 100 से 140 तथा निम्न रक्तचाप 60 से 90 के बीच में होना चाहिए।
दिमागी परेशानी, अधिक गुस्सा, दुख, अधिक मेहनत न करना तथा अधिक तेल-चटपटे मसालेदार चीजों का अधिक मात्रा में इस्तेमाल करने से भी ब्लड प्रेशर के रोग की शिकायत हो जाती है। तथा इसके विपरीत शराब, तंबाकू या ध्रूमपान आदि का ज्यादा सेवन किया जाता है तो ब्लड प्रेशर की समस्या ओर अधिक मात्रा में बढ सकती है। एक खोज से पता चला है कि ब्लड प्रेशर की वजह से संभोग करने में रुचि न होना, बहुत जल्द वीर्य पतन तथा नपुंसकता (नामर्दी) भी हो सकता है। ब्लड प्रेशर की शिकायत बहुत लंबे समय तक होने तक दिल का दौरा भी पड़ सकता है।
सेक्स के समय ब्लड प्रेशर-
ब्लडप्रेशर हर समय एक समान नहीं रह सकता है। दिमागी परेशानी, अधिक गुस्सा करने, भयभीत रहने एंव कठिन परिश्रम करने से भी ब्लड प्रेशर कुछ-कुछ बढ़ जाता है। संभोग करते समय शरीर के खून की गति में तेजी से संचार होता रहता है। सेक्स करते समय ह्रदय की गति 70-80 से बढ़कर 100-120 तक पहुंच जाती है लेकिन चरम सीमा तक पहुंचते-पहुंचते 130-160 के आसपास पहुंच जाती है। संभोग करते समय सेक्स करने वाली स्त्री को भी ज्यादा से ज्यादा खून की आवश्यकता होती है। इसलिए ह्रदय की गति और ब्लड प्रेशर भी बहुत अधिक बढ़ जाता है।
ब्लडप्रेशर पर नियंत्रण–
ब्लडप्रेशर के रोगी को कई प्रकार से सेक्स की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उच्च रक्तचाप से पीड़ित लंबे समय से रोगी को संभोग करने में मन न लगना, वीर्य का जल्दी गिरना तथा नामर्दी की समस्या दिखाई देने लगती है। उच्च रक्तचाप के वेग को रोकने के लिए मरीज को अपने पूरे दिन की देख-रेख तथा खाने-पीने के बारे में बदलाव करना बहुत ही आवश्यक है। उच्च रक्तचाप का रोगी जब संभोग करता है तो उसका उच्च रक्तचाप बहुत अधिक मात्रा में हो जाता है। इस वजह से उसे ह्रदय का रोग, एंजाइना या लकवा होने की शिकायत हो सकती है।
अगर उच्च रक्तचाप का रोगी बीड़ी-सिगरेट, शराब तथा पान-तंबाकू का इस्तेमाल बहुत अधिक करता है तो उसे ये सभी पदार्थ तुरंत ही बंद कर देने चाहिए। उन्हें हमेशा तरल पदार्थ ही लेने चाहिए। वसा एवं चर्बी युक्त खाने का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। नमक का इस्तेमाल खाने में बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। जरुरत के अनुसार योग और आसन करना चाहिए। उच्च रक्तचाप के लोग जिन दवाईयों का प्रयोग करते है वह दवाईयां भी सेक्स शक्ति को नुकसान पहुचा सकती है। इस बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिए।
ब्लड प्रेशर की औषधिः
उच्च रक्तचाप को सही करने के लिए जो दवाईयां प्रयोग की जाती है वे सेक्स पावर को प्रभावित करती है। इटली के आविष्कारक के अनुसार उच्च रक्तचाप को कंट्रोल में करने के लिए प्रयोग में लाने वाली औषधि एटेनोलोल एंव लिसिनोप्रिल के इस्तेमाल करने से पुरुषों की सेक्स शक्ति और शरीर में बहुत अधिक कमजोरी आ जाती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि पेशाब की मात्रा बढ़ाने वाली दवाईयां भी अधिकतर सेक्स शक्ति को कम कर देती है। परंतु उच्च रक्तचाप में प्रयोग में आने वाली काप्टोप्रिल जैसी दवाईयां सेक्स पावर को आकर्षित नहीं करती है। अगर उच्च रक्तचाप की गोलियां लेने से सेक्स शक्ति में कमी आती हो तो आप शीघ्र ही किसी अच्छे डाक्टर से सलाह ले सकते.
-Krishankumar Dawer