आजकल, आपने देखा होगा, नौ-जवान भी मुरझाये मुरझाये रहते हैं, थकावट, उच्च-रक्तचाप,
मानसिक चिंताएं, कमज़ोरी, अलसायापन, आलस, कांतिहीन चेहरा, फूला हुआ शरीर परन्तु जान नहीं, पैदल चल नहीं सकते, और जो मित्र विवाहित हैं, वो शारीरिक कमज़ोरी महसूस करते हैं, दाम्पत्य-जीवन का आनंद पूर्ण रूप से नहीं ले पाते, बस यूँ मानिये कि किसी तरह से समझौता किये जा रहे हैं, ये प्रयोग उनके लिए राम-बाण है!
आप एक बार प्रयोग किये!
फिर बताइये!
किसी भी औषधि विक्रेता से आप सौ ग्राम गोखरू ले लीजिये, दस से बीस रपये के बीच मिल जायेंगे, यदि न मिलें तो ये गाँव इत्यादि में भरपूर रूप से मिलते हैं, बस वो सुखाने पड़ेंगे, वैसे औषधि विक्रेता से मिल जायेंगे अवश्य ही!
अब आप इन सौ ग्राम गोखरू को साफ़ कर लें, झाड़ लें कपडे से, ताकि मिट्टी न बचे, आप धो भी सकते हैं, अब इनको पीस लीजिये, चाहे तो मिक्सर में ही पीस लीजिये, जब बारीक चूर्ण की तरह से हो जाएँ, तो एक तवे पर चार चम्मच देसी घी खौला लीजिये, और इन पिसे हुए गोखरू में डाल लीजिये, जब घी ठंडा हो जाए तो अब इस घी को मिला लीजिये इस चूर्ण में, और किसी डिब्बे में रख लीजिये, अब रोज रात को आधा चम्मच ये लीजिये, और आधा कप गुनगुने दूध के साथ इसका सेवन करें, सोने से पहले, एक हफ्ते में अपनी रंगत और ताक़त देखिये! दाम्पत्य जीवन में जो लम्हों का होता था, अब दस गुना बढ़ जाएगा! शरीर में ताक़त, चेहरे में कांति, अलसायापन ख़तम, स्फूर्ति, चुस्ती और चहकने लगोगे! उम्र भले ही कोई हो! करके देखिये! ये वाजीकारक का एक अहम् नुस्खा है! लाभ मिले तो धन्यवाद कहिये!! बिना नागा, अर्थात कोई
भी दिन खाली न जाए! अब चाहे व्रत हो अथवा स्वास्थय ही खराब हो!
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